
जहां पहाड़ों पर धुंध रहती है, वहां से निकली एक रोशनी — तेनजिन यांग्की, जो अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला IPS बनकर इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज करा चुकी हैं। SVPNPA की पासिंग आउट परेड में जब उन्होंने मार्च किया, पूरा अरुणाचल गर्व से भर गया।
यूपीएससी में 545वीं रैंक – मंज़िल पक्की थी बस रास्ता तय करना था
तेनजिन यांग्की ने UPSC 2022 में 545वीं रैंक हासिल की। उनके नाम के साथ जुड़ा यह नंबर अब सिर्फ एक रैंक नहीं बल्कि लाखों बेटियों के लिए ‘ड्रीम कोड’ बन चुका है। जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि तवांग जैसी जगह से दिल्ली के ‘लाल बत्तियों वाले रास्ते’ तक सफर मुमकिन है।
पहले APPSC, अब UPSC – यांग्की का डबल धमाका
साल 2017 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (APPSC) की परीक्षा पास की थी। लेकिन उन्हें यहां नहीं रुकना था — उन्हें तो “All India” लेवल पर चमकना था। पांच साल बाद उन्होंने साबित किया कि अगर इरादा हो तो IAS/IPS सिर्फ सपना नहीं, हकीकत बन सकता है।
JNU से इंग्लैंड तक की स्टडी लाइन – पूरी ग्लोबल ग्राउंडिंग
तेनजिन ने JNU से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया और फिर इंग्लैंड के वारविक यूनिवर्सिटी से Philosophy, Politics & Economics (PPE) की डिग्री ली। यानी माइंड भी इंटरनेशनल और मिशन भी नेशनल।
परिवार में सेवा की परंपरा – IAS पिता, सचिव मां और ‘लेजेंड’ दादा
तेनजिन के दादा न्येरपा खो ने तवांग को भारतीय शासन में शामिल करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। पिता थुप्टेन टेम्पा IAS अधिकारी रहे, जबकि मां जिग्मी चोडेन राज्य सचिव पद से रिटायर हुईं। यानी “सर्विस की विरासत” अब बेटी ने IPS वर्दी से आगे बढ़ा दी है।

System अब बोलेगा: ‘बेटियां हमें सिखा रही हैं ड्यूटी का मतलब’
जहां एक ओर कुछ अफसर फाइलों में ‘सस्पेंड’ हो रहे हैं, वहीं यांग्की जैसे लोग बता रहे हैं कि “देश सेवा सिर्फ कुर्सी नहीं, करेक्टर का सवाल है।”
अब पहाड़ों से लेकर दिल्ली तक एक ही आवाज़ — “तेनजिन जैसी बेटियां हैं तो भरोसा अब भी जिंदा है।”
तेनजिन यांग्की की कहानी सिर्फ एक UPSC सक्सेस स्टोरी नहीं, बल्कि एक “हाई एल्टीट्यूड इंस्पिरेशन” है। ये वो स्टोरी है जो बताती है —
जन्म किसी भी कोने में लो, हौसले राष्ट्रीय स्तर के रखो। System को बदलने से पहले खुद System बनो।
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